टी. वी. पर आमिर खान के नए टी. वी. शो का विज्ञापन देखा... शो का नाम रखा गया है सत्यमेव जयते।
पर क्या वास्तव में सत्यमेव जयते हो रहा है? सत्यमेव जयते का अर्थ है - सत्य की विजय ।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने की इतनी आज़ादी मिली हुई है के लोग इस देश के सेनाध्यक्ष को भी रिश्वत देने की बात कह दे रहे हैं , पर क्या यहाँ भी सत्यमेव जयते है? क्या रिश्वत देने वालो का सच सामने आया? क्या सेनाध्यक्ष की बातो या शिकायतों को बिना किसी राजनेतिक सोच के देखा या जांचा गया? उल्टा सेना के दिल्ली कूच और सेनाध्यक्ष को पद से हटाने की बात सामने आने लगी। पर क्या ये बाते इस पुरे मामले का सच थी? तो सच की विजय कहा हुई?
इन कुछ दिनों में देश में कोल घोटाले की हवा फैली हुई है... मेरे राज्य में भी ये बाते सर उठा रही है...
2 जी घोटाले के इतने बड़े हंगामे के बाद अब भी उसकी स्तिथि साफ नहीं हो पायी है...
कॉमन्वेल्थ खेलो में हुए घोटाले के बाद भी सुरेश कलमाड़ी जी के चेहरे की मुस्कान कायम है...
क्या यहाँ हुआ सत्यमेव जयते? क्या इन सब घोटालो का सच सामने आया?
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी साहब भारत में अपनी निजी यात्रा पर आते हैं, हम उनका स्वागत भी करते हैं। पर क्या उनकी इस यात्रा के बाद भारत - पाकिस्तान के बीच जो व्यापारिक सम्बन्ध सुधरे हैं ठीक इसी तरह का सुधार मुंबई हमलो की जाँच के बारे में नहीं होना चाहिये?
क्या इन हमलो के असली गुनाहगारों का और बाकी ऐसी वारदातों में लिप्त लोगो का सच सामने नहीं आना चाहिये?
साथियों सवाल कई सारे हैं जिनके पीछे के सत्य की हम सबको प्रतीक्षा है, और ये उम्मीद भी है की ये सच बहुत जल्द और बिलकुल वास्तविक रूप में हमारे सामने होगा। ये उम्मीद और ये सहनशीलता ही हमारे अभी तक मजबूत रहने का राज़ है वर्ना इतने सारे घावों से तो अबी तक हम टूट चुके होते...
चलिये इस शो के जरीये ही हमें याद तो आया की हमारी इस संस्कृति का सूत्र वाक्य क्या है...
हम अभी भी सत्य की विजय की उम्मीद लगा कर बैठे हैं...
मानता हु के कुछ समय लगेगा पर हम सब पुरे विश्वास से फिर एक साथ कह सकेंगे - सत्यमेव जयते ।
इसी आशा और विश्वास के साथ फिर आप सभी के सुझावों की प्रतीक्षा में,
- उत्कर्ष चतुर्वेदी